अपरिचित
वह
वहां मिला
जहाँ मिलती है गली
सड़क से
अपने स्वाभाविक संकोच के साथ
अपरिचित
अभाव में
किसी विकल्प के ............
तुम
वहाँ मिले
जहाँ मिलती है गली
सड़क से
अपने स्वाभाविक संकोच के साथ
अभाव में
किसी विकल्प के .........
मैं
वहाँ मिला
जहाँ मिलती है गली
सड़क से
अपने स्वाभाविक संकोच के साथ
अभाव में
किसी विकल्प के ........
हम
वहाँ मिले
जहाँ मिलती है गली
सड़क से
अपने स्वाभाविक संकोच के साथ
अभाव में
किसी संकल्प के .......
अपरिचित हैं फिलहाल।
Thursday, November 13, 2008
Wednesday, October 22, 2008
पहला कदम
नमस्ते मित्रो !
ब्लोगिंग की दुनिया में मैं भी शामिल होने जा रहा हूँ अपनी ये बातचीत लेकर !
पहली पोस्ट जल्द ही लगाऊंगा। यह ब्लॉग साहित्य का है और इसमें बातचीत भी उसी तरह की होगी !
अधीर कुमार
ब्लोगिंग की दुनिया में मैं भी शामिल होने जा रहा हूँ अपनी ये बातचीत लेकर !
पहली पोस्ट जल्द ही लगाऊंगा। यह ब्लॉग साहित्य का है और इसमें बातचीत भी उसी तरह की होगी !
अधीर कुमार
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